tag:blogger.com,1999:blog-8182272878998931303.post8691673365267574089..comments2023-08-25T17:39:02.210+05:30Comments on जबलपुर चौपाल: ज्ञानरंजन कहानी क्यों नहीं लिखते ?Unknownnoreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8182272878998931303.post-66357888345876853032008-05-16T14:04:00.000+05:302008-05-16T14:04:00.000+05:30aapki prastuti main gyanranjanjee ka hona, hindi b...aapki prastuti main gyanranjanjee ka hona, hindi blog sahityakaaron ko sambal dega.बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8182272878998931303.post-70364062005797687482008-04-22T07:57:00.000+05:302008-04-22T07:57:00.000+05:30ज्ञानरंजनजी इस महादेश के भाषा इतिहास में कुछ महत्व...ज्ञानरंजनजी इस महादेश के भाषा इतिहास में कुछ महत्वपूर्ण सम्पादकों में से हैं. उनका खंडित वक्तव्य पढ़कर भी एक तस्वीर तो बनती ही है. हिन्दी कहानी को लेकर उनकी चिंताएं बाजिब और गहरी हैं.विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8182272878998931303.post-10365480485550402632008-04-13T03:12:00.000+05:302008-04-13T03:12:00.000+05:30ज्ञानरंजन नव कथाकारों से कहते हैं- "बाजार एक बतकही...ज्ञानरंजन नव कथाकारों से कहते हैं- "बाजार एक बतकही नहीं है, वह विशाल जबड़ा है। इस कड़वाहट को पी लेने से लाभ ही है कि शायद हमारे नए मुहावरे को जन्म देना, त्रासदी के मध्य डूबना-उतरना और लगभग अकेले पड़ जाना, आवेग, धीरज और श्रम और ताजगी और कम उम्र इसके लिए जरुरी है। और भी बहुतेरी चीजें जरुरी हैं। पचासों साल बीत जाने और अनन्य लफड़ों में विचरने वाले बूढ़े अपने समाज में कोई बड़ी भूमिका अदा नहीं कर सकते।"<BR/>इस बात को में जवाब नही सवालों की पोटली समझ रहा हूँ कल जब कोई इसे खोलेगा तो कहानियां बिखर जाएँगी एक बार फिर लोग खुद कहेंगे "पहल" अब हुई है....<BR/>यानी ज्ञान जी कल को करीब से देख रहें हैं...!बाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8182272878998931303.post-16643299129520822922008-04-07T07:11:00.000+05:302008-04-07T07:11:00.000+05:30बहुत रोचक और जानकारी भरी रिपोर्ट की प्रस्तुति के ल...बहुत रोचक और जानकारी भरी रिपोर्ट की प्रस्तुति के लिये आभार.. पंकज भाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8182272878998931303.post-9595764901913360522008-04-06T21:35:00.000+05:302008-04-06T21:35:00.000+05:30बंधुवर अच्छी रिपोर्ट है. ग्यान जी जिस बाजार से सहम...बंधुवर अच्छी रिपोर्ट है. ग्यान जी जिस बाजार से सहमति की बात कर रहे हैं, मेरी समझ से वह देशी बाजार ही हो सकता है. निश्चित ही उस बाजार को आक्रामक तरह से उखाड्ने वाले आरोपित बाजार के समर्थ्क वे नहीं हो सकते. बाजार के सम्बंध में उनको कोट करते हुए उस वक्त्व्य के आगे पीछे और भी कुच्छ रहा होगा, उसे भी रखते तो शायद स्पष्ट नजरिया बन पाता.फ़िर भी रिपोर्ट पढ्वाने के लिये आभार.विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.com