देखो देखो जबलपुर शहर देखो।
बावन तालों का सुन्दर नगर देखो।
यहां का गुरन्दी बाज़ार मस्त है।
वर्ल्ड फेमस यहां धुआंधार मस्त है।
गढा फाटक, कमानिया का द्वार मस्त है।
नर्मदा पुण्य सलिला कछार मस्त है।
चमचमाता यहां का सदर देखो।
है महाकौशल की आत्मा इधर देखो।
देखो देखो जबलपुर शहर देखो।
बावन तालों का सुन्दर नगर देखो।
मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा गिरिजाघर है यहां।
दूध जैसे संगमरमर है यहां।
संस्कारों में डूबी सहर है यहां।
प्यार सद्भाव की हर डगर है यहां।
महापुरुषों की भूमि अमर देखो।
रानी दुर्गावती का यह घर देखो।
देखो देखो जबलपुर शहर देखो।
बावन तालों का सुन्दर नगर देखो।
जबलपुर के बारे में सब कुछ। संस्कारधानी के व्यक्ति, समाज, परम्परा, साहित्य, कला संस्कृति, खेल का ठिकाना
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1 टिप्पणी:
वहाँ मालवीय चौक भी है। श्याम बैंड भी वहीं है। मदन महल स्टेशन के सामने रात भर खुली रहने वाले चाय की दुकान भी वहीं है। वहाँ पास में गेट नं 4 भी है। शहीद स्मारक, मानस भवन और तरंग भी वहीं है। जबलपुर हमारे अंदर है। - आनंद
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