विवेचना जबलपुर और पहल ने मिलकर जबलपुर में 17 जुलाई 2011 को कामरेड शेषनारायण राय स्मृति व्याख्यान व काव्यपाठ का आयोजन किया। कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध चित्रकार अशोक भौमिक का व्याख्यान और नरेन्द्र जैन व मंगलेश डबराल का काव्यपाठ संपन्न हुआ। कामरेड शेषनारायण राय विवेचना जबलपुर के संस्थापकों में से एक और जबलपुर शहर के प्रमुख वामपंथी नेता थे। जिस समय मुक्तिबोध और परसाई जैसे महान लेखकों की किताबें कोई प्रकाशक नहीं छाप रहा था उस समय का. शेषनारायणराय ने मुक्तिबोध की किताब कामायनी एक पुनर्विचार और परसाई जी की किताबें सुनो भाई साधो व बेईमानी की परत छापी थी। परसाई जी और का राय बहुत घनिष्ठ मित्र थे। इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर एक सत्य घटना है जो का राय के साथ घटी थी। कहानी में भला आदमी कामरेड राय हैं। एक दूसरी प्रसिद्ध रचना एक लड़की पांच दीवाने का राय की पुस्तक दुकान यूनीवर्सल बुक डिपो के आस पास की घटना है। इस दुकान पर न केवल परसाई जी की नियमित बैठक थी वरन् यहां से उस समय के जबलपुर की साहित्यिक सांस्कृतिक राजनैतिक गतिविधियां संचालित होती थीं। इसी दुकान में बैठे बैठे मित्रों ने विवेचना का गठन किया था। उद्देश्य था गोष्ठियों के माध्यम से आम जनता को घटनाओं की सचाई बताई जाए। कामरेड राय ने एक संपन्न परिवार में जन्म लेकर भी अपना जीवन किसान मजदूरों की लड़ाई लड़ते बिताया। वे जबलपुर की कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव रहे। उनकी पांचवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में जबलपुर शहर के साहित्यिक सांस्कृतिक अभिरूचि के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री श्याम कटारे ने की। कार्यक्रम स्थल को विनय अंबर और ऋषि जेना ने मंगलेश व नरेन्द्र की कविताओं पर आधारित पोस्टरों से सजाया था।
व्याख्यान का विषय था कला, संस्कृति और आज की सांस्कृतिक संकेत । देश के सुविख्यात चित्रकार अशोक भौमिक ने कहा कि देश में अनेक संगठन अनेक राजनैतिक दलों से प्रभावित हैं पर आज की जरूरत है कि सभी संगठन अपने अपने पूर्वाग्रह छोड़कर सच्चे
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