बुधवार, 25 अक्टूबर 2017

रघुवीर यादव की न्यूटन से जबलपुर की आस आस्कर अवार्ड से जुड़ी

रघुवीर यादव की न्यूटन फिल्म से जबलपुर आस्कर अवार्ड से जुड़ गया है। न्यूटन इस वर्ष आस्कर अवार्ड के लिए भारत की अध‍िकारिक प्रव‍िष्ट‍ि है। रघुवीर यादव की इस फ‍िल्म से भारत ही नहीं बल्क‍ि जबलपुर की आस भी आस्कर अवार्ड से जुड़ गई है। जबलपुर के मूल निवासी रघुवीर यादव प्रत्येक वर्ष दीपावली पर यहां करौंदी स्थि‍त घर में आते हैं, लेकिन इस वर्ष वे दीपावली में स‍िक्क‍िम में थे। मुंबई से उन्होंने बातचीत में कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस वर्ष न्यूटन आस्कर अवार्ड में भारत के लि‍ए उपलब्ध‍ि हासि‍ल करेगी और भारतीय फिल्म उद्योग के लिए नए अध्याय की शुरूआत होगी। रघुवीर यादव ने कहा कि अब कंटेंट बेस्ड सि‍नेमा ही पनपेगा। अमित मसुरकर निर्देशि‍त न्यूटन एक ब्लेक कॉमेडी फिल्म है, जो भारतीय चुनाव प्रणाली पर कड़क व्यंग्य कसती है। न्यूटन की सफलता पर रघुवीर यादव ने कहा कि स्टारों की फिल्में असफल हो रही हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आप हर समय दर्शकों को बेवकूफ नहीं बना सकते। दर्शक अब बुद्धि‍मान है, वह अच्छी व बुरी फिल्म में अंतर करने लगा है।        
रघुवीर यादव एक फिल्म अभ‍िनेता, एक थ‍ि‍एटर आर्टिस्ट, एक गायक, एक संगीतकार और एक सेट डिजाइनर के रूप में हमारे सामने आते हैं और बहुमुखी प्रतिभा से समय-समय पर अवगत करवाते हैं। लगभग तीन दशक से अभ‍िनय कर रहे 60 वर्षीय रघुवीर यादव, एकमात्र बालीवुड अभ‍िनेता हैं, जिनकी आठ फिल्मों ने सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की केटेगरी में भारत का प्रत‍िध‍ित्व किया है। इन फिल्मों ने आस्कर में अलबत्ता कोई अवार्ड तो नहीं जीता, लेकिन दो फिल्में सलाम बॉम्बे (वर्ष 1988) एवं लगान ( वर्ष 2001) नामांकन में अंतिम पांच फिल्मों की दौड़ तक अवश्य पहुंची हैं।
रघुवीर यादव की न्यूटन इस वर्ष 26 फिल्मों (जिसमें बाहुबली-दो भी थी) को पीछे छोड़ कर आस्कर अवार्ड के चुनी गई है। इससे पहले रघुवीर यादव की सात फिल्मों-सलाम बॉम्बे (वर्ष 1988) रूदाली (वर्ष 1993), बेंडिट क्वीन (वर्ष 1994), 1947 अर्थ (वर्ष 1998), लगान (वर्ष 2001), वाटर (वर्ष 2005) और पीपली लाइव (वर्ष 2010) ने आस्कर अवार्ड में भारत का प्रत‍िन‍ित्व किया है।
पचास वर्ष पूर्व घर से भागने वाले रघुवीर यादव ने कभी भी अवार्ड को ध्यान में रख कर अभ‍िनय नहीं किया। वे प्रत्येक फिल्म में अपनी भूमिका पर एकाग्रचित हो कर काम करते हैं। रघुवीर यादव की आस्कर अवार्ड के लिए भेजी गई आठ फिल्मों में उनकी भूमिका कहीं छोटी तो कहीं बड़ी थी, लेकिन वे सलाम बॉम्बे में ड्रग एड‍िक्ट की चिलम और लगान की भूरा की भूमिका को याद करते हैं और उन्हें अविस्मरणीय मानते हैं। धूम्रपान न करने वाले रघुवीर यादव ने सलाम बॉम्बे ड्रग एडिक्ट की भूमिका निभाने के लिए कई ड्रग एडि‍क्टों का आर्ब्जवेशन किया और एक वर्कशाप में भाग लिया था। वैसे उन्हें भूमिका की मांग के अनुरूप कभी सिगरेट या बीड़ी पीना पड़े तो उन्हें धूम्रपान करना मुश्किल लगता है। 

     

1 टिप्पणी:

आनंद ने कहा…

गुलुश जी, नमस्कार, आपसे संपर्क करना है, कृपया आपना ईमेल दें, मेरा पता है anandexpt[at]gmail[dot]com.

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