इस मैच में सेंट्रल ज़ोन की ओर से सफल बल्लेबाज सलीम दुर्रानी रहे। उन्होंने 80 रन की सफल पारी खेली। लांस गिब्स जैसे गेंदबाज की बॉल पर चौके-छक्के जड़े। सलीम दुर्रानी ने जबलपुर की सरजमीं पर दर्शकों के ऑन डिमांड छक्का मारने की शुरुआत की जो बाद में उनकी विशिष्टता बनी। इस मैच में सलीम दुर्रानी ने सेंट्रल ज़ोन की ओर से विकेटकीपर की भूमिका निभाई। जबलपुर का उत्कृष्ट प्रदर्शन सलीम दुर्रानी के लिए भारतीय टेस्ट टीम में प्रवेश का मजबूत आधार बना।
भारतीय टेस्ट टीम में चयन के बाद सलीम दुर्रानी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 1971 में वेस्टइंडीज दौरे में सलीम दुर्रानी ने भारत को टेस्ट मैच में विजयी बनाने में कमाल की भूमिका निभाई। उन्होंने क्लाइव लॉयड व गैरी सोबर्स का विकेट लिया। दुर्रानी ने 17 ओवर में सिर्फ 21 रन दे कर किफायती गेंदबाजी की। 1973 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद सलीम दुर्रानी ने परवीन बाबी के साथ 'चरित्र' फिल्म में हीरो बने। सलीम दुर्रानी रणजी ट्राफी में राजस्थान की ओर से खेलते रहे। 18 से 20 दिसंबर 1976 को सलीम दुर्रानी फिर एक बार जबलपुर की ज़मीन पर खेलने उतरे। यह मध्यप्रदेश व राजस्थान के मध्य रणजी ट्राफी का एक महत्वपूर्ण मैच था। मध्यप्रदेश की ओर से योगेन्द्र जगदाले, संजय जगदाले, गुलरेज अली जैसे खिलाड़ी थे। जबलपुर के श्रवण भाई पटेल को रणजी ट्राफी में खेलने का मौका पहली बार मिला। राइट टाउन स्टेडियम में दर्शकों की निगाहें पूरे समय सलीम दुर्रानी पर टिकी रही। 42 वर्षीय दुर्रानी बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन उत्कृष्ट गेंदबाजी करते हुए उन्होंने दस ओवर में सिर्फ 18 रन दिए। इस मैच की समाप्ति पर सलीम दुर्रानी के पवेलियन लौटते वक्त जबलपुर के क्रिकेट प्रेमियों ने खड़े हो कर तालियां बजाते उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। 🔷
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें