मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

जबलपुर के दिल में बसे हैं सलीम दुर्रानी

मशहूर भारतीय क्रिकेट आलराउंडर सलीम दुर्रानी 88 की उम्र में इस फ़ानी को दुनिया को छोड़कर चले गए। संभवतः वे भारतीय क्रिकेट के सबसे स्टाइलिश व रंग बिरंगे खिलाड़ी थे इसलिए उन्हें 'प्रिंस सलीम' भी कहा जाता था। वे पहले अर्जुन अवार्डी क्रिकेटर रहे। सलीम दुर्रानी ने भारत के साथ रणजी ट्राफी में राजस्थान, गुजरात व सौराष्ट्र का प्रत‍िन‍िध‍ित्व किया लेकिन जबलपुर के क्रिकेट प्रेमी उनको दिल से चाहते थे। भारत के लिए 1960 में टेस्ट क्रिकेट खेलने से पूर्व सलीम दुर्रानी ने भारत की यात्रा पर आई वेस्टइंडीज की टीम के विरूद्ध सेंट्रल ज़ोन की ओर से तीन दिवसीय मैच खेला था। यह मैच जबलपुर में कैंट के गैरीसन मैदान पर 6 से 8 दिसंबर 1958 को खेला गया। वेस्टइंडीज टीम से हंट, रामाधीन, हॉल्ट, एटकिनसन, लांस गिब्स, सोलोमन, रोड्रिग्ज जैसे धुरंधर खिलाड़ी थे। सेंट्रल ज़ोन की टीम अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती थी। सेंट्रल ज़ोन की ओर से वीनू मांकड, हनुमंत सिंह, हीरा लाल गायकवाड़ व चंदू सर्वटे जैसे अनुभवी और सलीम दुर्रानी व प्रकाश नायडू जैसे नवोदित खिलाड़ी थे। प्रकाश नायडू सीके नायडू के पुत्र थे। प्रकाश नायडू बाद में पुलिस सेवा में आ गए और नब्बे के दशक में जबलपुर की छठी बटालियन में पदस्थ रहे। 

इस मैच में सेंट्रल ज़ोन की ओर से सफल बल्लेबाज सलीम दुर्रानी रहे। उन्होंने 80 रन की सफल पारी खेली। लांस गिब्स जैसे गेंदबाज की बॉल पर चौके-छक्के जड़े। सलीम दुर्रानी ने जबलपुर की सरजमीं पर दर्शकों के ऑन डिमांड छक्का मारने की शुरुआत की जो बाद में उनकी विशिष्टता बनी। इस मैच में सलीम दुर्रानी ने सेंट्रल ज़ोन की ओर से विकेटकीपर की भूमिका निभाई। जबलपुर का उत्कृष्ट प्रदर्शन सलीम दुर्रानी के लिए भारतीय टेस्ट टीम में प्रवेश का मजबूत आधार बना। 

भारतीय टेस्ट टीम में चयन के बाद सलीम दुर्रानी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 1971 में वेस्टइंडीज दौरे में सलीम दुर्रानी ने भारत को टेस्ट मैच में विजयी बनाने में कमाल की भूमिका निभाई। उन्होंने क्लाइव लॉयड व गैरी सोबर्स का विकेट लिया। दुर्रानी ने 17 ओवर में सिर्फ 21 रन दे कर किफायती गेंदबाजी की। 1973 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद सलीम दुर्रानी ने परवीन बाबी के साथ 'चरित्र' फिल्म में हीरो बने। सलीम दुर्रानी रणजी ट्राफी में राजस्थान की ओर से खेलते रहे। 18 से 20 दिसंबर 1976 को सलीम दुर्रानी फिर एक बार जबलपुर की ज़मीन पर खेलने उतरे। यह मध्यप्रदेश व राजस्थान के मध्य रणजी ट्राफी का एक महत्वपूर्ण मैच था। मध्‍यप्रदेश की ओर से योगेन्द्र जगदाले, संजय जगदाले, गुलरेज अली जैसे खिलाड़ी थे। जबलपुर के श्रवण भाई पटेल को रणजी ट्राफी में खेलने का मौका पहली बार मिला। राइट टाउन स्टेडियम में दर्शकों की निगाहें पूरे समय सलीम दुर्रानी पर टिकी रही। 42 वर्षीय दुर्रानी बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन उत्कृष्ट गेंदबाजी करते हुए उन्होंने दस ओवर में सिर्फ 18 रन दिए। इस मैच की समाप्ति पर सलीम दुर्रानी के पवेलियन लौटते वक्त  जबलपुर के क्रिकेट प्रेमियों ने खड़े हो कर तालियां बजाते उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। 🔷

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